समग्र शिक्षा अभियान
समग्र शिक्षा -यह केन्द्र प्रवर्तित व्यापक कार्यक्रम है जो विद्यालय तक सुगम पहुँच तथा बेहतर अधिगम परिणामों के समान अवसर उपलब्ध करवाने व विद्यालयी शिक्षा में सुधार के व्यापक लक्ष्यों को सामने रख पूर्व प्राथमिक से बारहवीं कक्षा स्तर को समग्र रूप से समाहित कर शुरू किया गया है। समग्र शिक्षा ,सर्व शिक्षा अभियान (एसएसए), राष्ट्रीय माध्यमिक शिक्षा अभियान (आरएमएसए) और शिक्षक शिक्षा (टीई) की तीन योजनाओं को समेकित करती है। समग्र शिक्षा के संचालन हेतु राजस्थान स्कूल शिक्षा परिषद् (RCSCE) का गठन किया गया है जिसका पंजीयन दिनांक 03.09.2020 को करवाया गया है।
केन्द्र प्रवर्तित योजनाओं के युक्तीकरण पर अक्टूबर, 2015 में प्राप्त मुख्यमंत्रियों के समूह की सिफारिशों के अनुसार, केन्द्र और राजस्थान के बीच योजना के लिए फंड शेयरिंग पैटर्न वर्तमान में 60:40 के अनुपात में है।
यह योजना पूर्व प्राथमिक, प्राथमिक, उच्च प्राथमिक, माध्यमिक से उच्च माध्यमिक स्तर तक ‘निरंतरता के रूप में विद्यालय‘ की परिकल्पना करती है तथा विद्यालयी शिक्षा के विभिन्न कक्षा स्तरों में अंतरण दर में सुधार करने और बच्चों को विद्यालयी शिक्षा पूरी करने के लिए सार्वभौमिक पहुँच को बढ़ावा देने में सहायता करती है। शिक्षा के सतत विकास लक्ष्य (एसडीजी) के अनुसार पूर्व प्राथमिक से उच्च माध्यमिक स्तर तक समावेशी और समान गुणवत्ता वाली शिक्षा सुनिश्चित करते हुए निम्न लक्ष्यों को इस योजना में प्राप्त किया जाना है :-
- गुणवत्तापूर्ण शिक्षा और छात्रों के सीखने के परिणामों को बढ़ाने के प्रावधान करना।
- विद्यालयों में सोशल और जेंडर गैप को कम करना।
- सभी स्तरों पर समानता और समावेशी विकास को सुनिश्चित करना।
- व्यावसायिक शिक्षा को बढ़ावा देना।
- निःशुल्क और अनिवार्य बाल शिक्षा का अधिकार अधिनियम, 2009 के क्रियान्वयन में सहायक।
- शिक्षक प्रशिक्षण के लिए नोडल एजेंसियों के रूप में SCERT/ DIET के सुदृढ़ीकरण और उन्नयन।
- खेल और शारीरिक शिक्षा को प्रोत्साहन।
- शिक्षक शिक्षा और प्रशिक्षण को सुदृढ़ बनाना।