Activity

समावेशित शिक्षा के अन्तर्गत निम्नलिखित गतिविधियों का आयोजन किया जाता है :-
  1. संदर्भ कक्ष की स्थापना :- समग्र शिक्षा के समावेशित शिक्षा कार्यक्रम के अन्तर्गत सामान्य विद्यालयों में अध्ययनरत विशेष आवश्यकता वाले बालक-बालिकाओं को शैक्षिक तकनीकी एवं शैक्षणिक संबंलन प्रदान करने हेतु प्रत्येक ब्लॉक में एक कुल 301 संदर्भ कक्षों की स्थापना की गई है। सन्दर्भ कक्ष पर विभिन्न आधुनिक उपकरण उपलब्ध है। विशेष आवश्यकता वाले बालक बालिकाओ को संबलन हेतु सन्दर्भ कक्षों पर आने हेतु यात्रा भत्ता दिया जाता है। संदर्भ कक्ष पर विशेष शिक्षा में प्रशिक्षित शिक्षक कार्यरत है, जो एन बालक – बालिकाओ को प्रशिक्षित करने का कार्य करते है।
  2. ब्रेल पुस्तकों की व्यवस्थाः- राज्य के राजकीय विद्यालयो में कक्षा 1 से 12 में अध्ययनरत पूर्ण दृष्टि बाधित बालक-बालिकाओं को राज्य में संचालित पाठ्य पुस्तको को ब्रेललिपि में परिवर्तित कर उपलब्ध करायी जाती है। पूर्ण दृष्टि बाधित बालक-बालिकाए ब्रेल पुस्तकों के सहयोग से अध्ययन करते है।
  3. लार्ज प्रिन्ट पुस्तकों की व्यवस्थाः- राज्य के राजकीय विद्यालयो में कक्षा 1 से 12 में अध्ययनरत अल्प दृष्टिबाधित बालक-बालिकाओं को राज्य में संचालित पाठ्य पुस्तको को लार्ज प्रिन्ट बुक्स में परिवर्तित कर उपलब्ध करायी जाती है। अल्प दृष्टिबाधित बालक-बालिकाए लार्ज प्रिन्ट पुस्तकों के सहयोग से अध्ययन करते है।
  4. असेसमेन्ट कैम्प का आयोजन :- समग्र शिक्षा एवम भारतीय कृत्रिम उपकरण निर्माण संस्थान, कानपुर / मोहाली (एलिम्को) के संयुक्त तत्वाधान में विशेष आवश्यकता वाले बालक-बालिकाओं हेतु ब्लॉक/जिला मुख्यालय पर असेसमेन्ट कैम्प का आयोजन किया जाता है। जिसमें अंग-उपकरण वितरण हेतु पात्र बालक-बालिकाओं का चयन किया जाता है। उक्त कैम्प में विषेषज्ञों की टीम यथा फिजियो थैरेपिस्ट, स्पीच थैरेपिस्ट, आई स्पेषलिस्ट, ईएनटी स्पेषलिस्ट, अस्थि रोग विषेषज्ञ के दल के द्वारा बालक-बालिका का असेसमेन्ट किया जाता है। असेसमेन्ट कैम्प में विकलांगता प्रमाण-पत्र एवं रेल व बस पास तैयार किया जाता है साथ ही सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता विभाग की योजनाओं से लाभान्वित किया जाता है।
  5. अंग-उपकरण वितरण :- समग्र शिक्षा द्वारा असेसमेन्ट कैम्प में एलिम्को कानपुर के तकनीकी दल द्वारा चयनित विशेष आवश्यकता वाले बालक-बालिका को आवश्‍यकतानुसार अंग व उपकरण यथा ट्राईसाईकिल, व्हील चेयर, केलीपर्स, श्रवण यंत्र, बैसाखी, ब्रेलकेन, मोबाइल, डेज़ी प्लेयर आदि निःशुल्‍क उपलब्ध करवाये जाते हैं।
  6. परिवहन भत्ता :- राजकीय विद्यालयों में अध्ययनरत अस्थिदोष, दृष्टिदोष,मानसिक विमन्दित, श्रवण बाधित एवं सेरेब्रल पाल्सी तथा ऑटिज्म श्रेणी के 40 प्रतिशत या इससे अधिक दोष से ग्रसित बालक-बालिकाएं जिन्हें सक्षम चिकित्सा अधिकारी द्वारा विकलांगता प्रमाण पत्र जारी किया गया है उन्हें परिवहन भत्ता दिया जाता है। परिवहन भते के रूप में 400 प्रति माह कि दर से 10 माह हेतु इन बालक बालिकाओ को राशि उपलब्ध कराया जाता है।
  7. एस्कॉर्ट भत्ता :- राजकीय विद्यालयों में अध्ययनरत अस्थिदोष, दृष्टिदोष,मानसिक विमन्दित, श्रवण बाधित एवं सेरेब्रल पाल्सी तथा ऑटिज्म श्रेणी के 40 प्रतिशत या इससे अधिक दोष से ग्रसित बालक-बालिकाएं जो विद्यालय से घर तक अकेले (बिना किसी व्यक्ति की सहायता से) पहुँच पाने में असमर्थ है, अर्थात् इन्हें घर से विद्यालय एवं विद्यालय से घर तक इनके अभिभावक द्वारा ही लाया ले जाया जाता है तथा जिन्हें सक्षम चिकित्सा अधिकारी द्वारा विकलांगता प्रमाण पत्र जारी किया गया है। इन बच्चों के अभिभावकों को एस्कॉर्ट भत्ता उपलब्ध करवाया जाता है। एस्कॉर्ट भते के रूप में 400 प्रति माह कि दर से 10 माह हेतु इन बालक बालिकाओ के अभिभावक को राशि उपलब्ध कराया जाता है।
  8. रीडर भत्ता (Reader Allowance) :- राज्य के राजकीय विद्यालय में अध्ययनरत कक्षा- 1 से 12 तक के दृष्टिबाधित बालक-बालिकाओं को रीडर भत्ता जिन्हें सक्षम चिकित्सा अधिकारी द्वारा दिव्यांग प्रमाण पत्र जारी किया गया है। उन्हें रीडर भत्ता (Reader Allowance) दिया जाता है। रीडर भते के रूप में 250 प्रति माह कि दर से 10 माह हेतु इन बालक बालिकाओ को राशि उपलब्ध कराया जाता है।
  9. स्टाईपेन्ड भत्ता (Stipend for Girls) :- राज्य के राजकीय विद्यालय में अध्ययनरत विशेष आवश्यकता वाली बालिकाओं हेतु स्टाईपेन्ड भत्ता (Stipend for Girls) जिन्हें सक्षम चिकित्सा अधिकारी द्वारा दिव्यांग प्रमाण पत्र जारी किया गया है। उन्हें स्टाईपेन्ड भत्ता (Stipend for Girls) दिया जाता है। स्टाईपेन्ड भत्ता के रूप में 200 प्रति माह कि दर से 10 माह हेतु इन बालिकाओ को राशि उपलब्ध कराया जाता है।
  10. करैक्शन सर्जरीः- 6-14 आयु वर्ग के पोलियो, सेरेब्रल पाल्सी इत्यादि से प्रभावित बच्चों का करैक्शन सर्जरी करवायी जाती है।
  11. साईट रेस्टोरेशन सर्जरी :- राज्य के 6-14 आयु वर्ग के दृष्टि दोष से प्रभावित बालक-बालिकाओं की लो-विजन असेसमेन्ट, लो-विजन डिवाइसेस वितरण एवं साईट रेस्टोरेशन सर्जरी की जाती है।
  12. कॉकलियर इंपलान्ट :- चिकित्सा विभाग के सहयोग से 0 से 6 आयु वर्ग के श्रवणबाधित बच्चों की कॉकलियर इंपलान्ट की सर्जरी करवायी जायेगी। ताकि वह सामान्य बच्चों की श्रेणी में आ सके।
  13. पुनर्वास विशेषज्ञों की व्यवस्था :- राज्य के चिह्नित विशेष आवश्यकता वाले बालक-बालिकाओं में दोष की तीव्रता कम करने तथा उनकी अधिशेष क्षमताओं के अभिवर्द्धन हेतु संदर्भ कक्षों पर विभिन्न पुनर्वास विशेषज्ञ यथा फीजियोथैरेपिस्ट, स्पीचथैरेपिस्ट, क्लीनिकल साईकॉलोजिस्ट आदि की सेवाएं विजिटिंग/मानदेय आधार पर लिया जाता है।
  14. विशेष आवश्यकता वाले बालक-बालिकाओं के अभिभावकों हेतु परामर्शदात्री कार्यक्रम का आयोजनः- राज्य के ग्रामीण क्षेत्रों में विकलांगता के क्षेत्र में सेवाओं की अनुपलब्धता एवं जानकारी के अभाव में गंभीर दोष से ग्रसित बालक-बालिकाओं के माता-पिता अपेक्षित सम्बलन सेवाएं उपलब्ध करवाने में असफल रहते हैं। अभिभावकों को इस स्थिति से उबारने एवं बच्चों को उचित सुविधाएं उपलब्ध करवाते हुये उन्हें शिक्षा की मुख्यधारा से जोड़ने के उद्देश्य से समावेशित शिक्षा कार्यक्रम के तहत् इन बच्चों के अभिभावकों के लिए परामर्शदात्री कार्यक्रम का आयोजन किया जाता है।
  15. वातावरण निर्माण कार्य का आयोजन :- विशेष आवश्‍यकता वाले बालक-बालिकाओं के प्रति जागरूकता, इनके प्रति कर्तव्‍यों दायित्वों तथा इनके अधिकारों के संबंध में जानकारी हेतु जिला मुख्यालय पर 2 - 3 दिसम्बर को वातावरण निर्माण कार्य (विश्‍व विकलांग दिवस) का आयोजन किया जाता है।
  16. प्रधानाचार्यां शैक्षिक प्रशासकों अभिभावकों हेतु एक दिवसीय आमुखीकरण :- राज्य के कक्षा 1 से 12 तक राजकीय विद्यालयों में अध्ययनरत विशेष आवश्यकता वाले बालक-बालिकाओं को प्रभावी तकनीकी एवं शैक्षणिक संबलन प्रदान करने हेतु संदर्भ कक्ष वाले संस्था प्रधानों का एक दिवसीय आमुखीकरण प्रशिक्षण का आयोजन किया जाता है।
  17. विशेष आवश्यकता वाले बालक-बालिकाओं हेतु प्रशिक्षण : -
    • लैपटॉप, मोबाइल फोन एवं डेजी प्लेयर पर प्रशिक्षण :- राजकीय विद्यालयों में अध्ययनरत पूर्ण दृष्टिबाधित बालक-बालिकाओं को लैपटॉप डेटा कार्ड, हैडफोन एवं NVDA (Screen Reader Software) उपलब्ध करवाये गये जाते है। साथ राजकीय विद्यालयों में अध्ययनरत पूर्ण दृष्टिबाधित बालक-बालिकाओं को मोबाइल फोन एवम डेजी प्लेयर उपलब्ध कराये जाते है साथ ही लैपटॉप, मोबाइल एवम डेजी प्लेयर पर प्रशिक्षण दिया जाता है।
    • Self defence training :- पूर्ण दृष्टिबाधित एवम क्षवण बाधित बालिकाओ को आत्म निर्भर करने के उद्देश्य से 50 – 50 बालिकाओ को जयपुर में self defence का प्रशिक्षणदिया जा रहा है।
  18. विशेष आवश्यकता वाले बालक-बालिकाओं हेतु खेल :- कूद एवम शैक्षिक भ्रमण :- विशेष आवश्यकता वाले बालक-बालिकाओं जिला स्तर पर खेल - कूद का आयोजन किया जाता है एवम एन बालक – बालिकाओं को विभिन्न अंतर जिला शैक्षिक भ्रमण कराया जाता है।